मिट्टी के छत्तीसगढ़ी बर्तन

 मिट्टी के छत्तीसगढ़ी बर्तन 

  • कटाही:- सकरे गले वाली हंडी

  • कनौजी:- हत्था विहीन कड़ाही

  • कुंडेरा:- गंजनुमा पात्र विशेषकर गोरस(दूध) पकाने के लिए उपयुक्त

  • हड़िया:- हंडी

  • करसी:- लाल रंग की हंडी,शीतल जलपात्र

  • कसेली:- लोटे से बड़ा काला दोहन पात्र

  • कलौरी:- नादी तथा बड़े दीप का मिश्रण

  • घघरी:-सुराही के समान पात्र

  • चुकिया:- छोटा कुल्हड़

  • कुथिया:- वह हंडी जो जन्म-मृत्यु आदि के कारण अशुद्ध हो जाती है।

  • ठेकली:- लोहे या कसेली के समान पात्र

  • डोकसी:- करछुल या डुआ

  • ढूंढवा:- सकरे गले वाली लुटिया,तेल पात्र

  • ढोमरा:- चौड़ी तथा गहरी थाली

  • तउला:- तसले के समान पात्र

  • तेलाई:- कड़ाही नुमा पात्र

  • परई:- बड़े आकार का दीप,जो ढक्कन के लिए प्रयुक्त होती है

  • दुहना:- कसेली से बड़ा पात्र जिसमे गोरस उबाला जाता है।

  • पोटली:- चौड़ी ठेकली

  • पोरहा:- कुल्हड़

  • मरकी:- गुंड के समान हंडी

  • मंडसा या मण्डिसा:- दही मथने या सामान रखने को हण्डी

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