छत्तीसगढ़ का इतिहास Short Notes


छत्तीसगढ़ का इतिहास 


#प्रागैतिहासिक काल
पूर्व पाषाण काल –सिंघनपुर की गुफाऍ, महानदी घाटी बेसिन
मध्यपाषाण काल –कबरा पहाड रायगढ
उत्तर पाषाण काल –सिंघनपुर की गुफा महानदी घाटी बेसिन और धनपुर जिला बिलासपुर
नव पाषाण काल –अर्जुनी (दुर्ग) टेरम (रायगढ) चितवाडोंगरी (राजनांदगॉव) बोनाटिला (राजनांदगॉव)
छत्तीसगढ के शैलचित्रों की खोज का श्रेय अंग्रेज इतिहासकार #एंडरसन  को जाता है खोज-1910
सर्वाधिक शैलचित्रों की प्राप्ति –रायगढ जिले से प्राप्त

#आद्यऐतिहासिक काल
इस काल में सिंधु घाटी सभ्यता को रखा गया है। इस काल से प्राप्त लिपि भाव चित्रात्मक थी अभी तक पढा नहीं जा सका है।
यह केवल भारत के पंच प्रदेशों तक ही सीमित था और हमारे छत्तीसगढ इससे अछुता था।इसलिए यहां इसके कोई भी प्रमाण नहीं मिलते है।


#ऐतिहासिक काल
इस काल के अंतर्गत वैदिक सभ्यता को रखा गया है इसमें ऋग्वैदिक और वैदिक काल आता है
ऋग्वैदिक काल में छत्तीसगढ का कोई उल्लेख नहीं मिलता वैदिक काल से उल्लेख मिलना प्रारंभ होता है


#रामायण काल
इस काल में छत्तीसगढ का नाम दक्षिण कोसल था।
और बस्तर का नाम –दण्डकारण्य था ।
कोसल राजा भानुमंत की पुत्री कौशल्या का विवाह राजा दशरथ प्राप्त हुआ चुंकि राजा भानुमंत की कोई पुत्र नहीं था इसलिए कोसल देश दशरथ को प्राप्त हुए।
रामयण कालीन #स्थान
#शिवरीनारायण –मान्यता है कि भगवान राम ने यहां शबरी की जूठे बेर खाए थे

#पंचवटी -यहां से सीता हरण हुआ था ऐसी जनश्रुति है।

#वाल्मिकी आश्रम -“लव कुश का जन्म हुआ था।

#दण्कारण्य – भगवान राम ने यहां वनवास का कुछ समय व्यतीत किये थे ।

#महाभारत काल
इस काल में छत्तीसगढ को #प्राक् कोसल के नाम से जाना जाता था।
#बस्तर का नाम –महाकांतर
#रतनपुर का नाम – मणिपुर राजा #मोरध्वज की राजधानी
#सिरपुर का नाम –चित्रांगदापुर (अर्जुन के पुत्र भाब्रुवाहन की राजधानी)

#बौध्द धर्म
बौध्द धर्म #अवदानशतक से प्राप्त जानकारी के अनुसार गौतम बुध्द कुछ समय के लिए #सिरपुर आये थे।

#जैन धर्म
ऋषभदेव की जानकारी –पेण्ड्रा ,मल्हार (बिलासपुर)
पार्श्वनाथ की जानकारी –नगपुरा दुर्ग
महावीर की जानकारी –आरंग रायपुर से प्राप्त होती है।


#महाजनपद काल
इस काल में संपूर्ण भारत 16 महाजनपदों में बंटा हुआ था जिसमें से एक था #चेदि महाजनपद जिनकी राजधानी थी शक्तिमति छत्तीसगढ इसी महाजनपद के अंतर्गत आता था।


#मौर्य काल
चीनी यात्री ह्वेनसांग की रचना सी यू की के अनुसार सम्राट अशोक ने #सिरपुर में बौध्द स्तूप का निर्माण करवाया था
मौर्य कालीन सिक्कों की प्राप्ति –अकलतरा ठठारी जांजगीर चांपा जिला, बिलासपुर, बारगांव रायगढ
मौर्य कालीन आहत सिक्के –तारापुर, उडेला रायपुर


#सातवाहन वंश
सातवाहन शासक अपीलक की मुद्रा प्राप्त हुई –बालपुर (रायगढ) मल्हार (बिलासपुर)
राजा वरदत्त श्री की जानकारी प्राप्त हुई –गुंजी शिलालेख जांजगीर चांपा जिला
सातवाहन कालीन काष्ठ स्तंभ की जानकारी –किरारी गांव जांजगीर चांपा
इस काल की लेखयुक्त प्रतिमा प्राप्त हुई –बुढीखार मल्हार बिलासपुर जिला
इस काल की मिट्टी की मुहर –बुढीखार मल्हार जिला बिलासपुर
स्वर्ण मुद्रा –चकरबेडा बिलासपुर जिला।


#कुषाण वंश
कुषाण कालीन तांबे के सिक्के – 1. बिलासपुर 2.तेलीकोट जिला रायगढ

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